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Zika Virus : ज़ीका वायरस के कारण , लक्षण और बचने के उपाय

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ज़ीका वायरस कई सालों से सुर्खियों में है, लेकिन हम इसके बारे में वास्तव में कितना जानते हैं? इस ब्लॉग पोस्ट में, हम ज़ीका  वायरस की दुनिया में गहराई से उतरेंगे, इसके रहस्यों को उजागर करेंगे और आपको आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगे। चाहे आप झीका वायरस के कारण अपनी यात्रा योजनाओं के बारे में चिंतित हों या बस इस कुख्यात वायरस के बारे में जानना चाहते हों, चौंकाने वाली सच्चाई जानने के लिए पढ़ते रहें!

What Is Zika Virus:- ज़ीका वायरस का केस अभी हाल  ही में पश्चिमी भारत में महाराष्ट्र के पुणे शहर में आया है ! कहा जा रहा है की एक डॉक्टर और उसकी बेटी को  ज़ीका वायरस से पीड़ित होने की पुष्टि हुई है ! पुणे नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सबसे पहले डॉक्टर को तेज बुखार आया और उनकी त्वचा पर पूरे शरीर में चकत्ते हो गए, जिसके बाद उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहा जाते ही अस्पताल वालो ने उसका ब्लड टेस्ट करवाया और उस सैंपल को जाँच के लिए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) भेजा गया !

21 JUNE (जून ) को रिपोर्ट आयी , जिसमे डॉक्टर ने ज़ीका वायरस( zika virus ) से संक्रमित (INFECTION ) होने की पुष्टि हुई | डॉक्टर के संक्रमित होने के बाद   उसके पूरे परिवार का ब्लड टेस्ट करवाया गया जिसमे जाँच के बाद उसकी बेटी 15 साल की बेटी भी संक्रमित पायी गयी! इसके बाद उन दोनों का इलाज शुरू  हो गया | फ़िलहाल उनकी हालत स्थिर है !

अधिकारी ने बताया है की शहर में २ मामले आने के बाद स्वस्थ्य विभाग ने पुरे शहर में निगरानी शुरू कर दी है , और मछरो की रोक के लिए कुछ नए कदम उठाने शुरू कर दिए गए है !  

 

ज़ीका वायरस क्या है और कैसे फैलता है !

 

ज़ीका वायरस एक मच्छर जनित रोग है, जिसे पहली बार 1947 में युगांडा में खोजा गया था। यह मुख्यतः संक्रमित एडीस मच्छरों के काटने से फैलता है, वही मच्छर जो डेंगू और चिकनगुनिया भी फैलाते हैं। ज़ीका वायरस का नाम युगांडा के झीका जंगल के नाम पर रखा गया, जहाँ इसकी पहली बार पहचान हुई थी। यह वायरस मुख्य रूप से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है, लेकिन यह यौन संपर्क, रक्ताधान, और गर्भावस्था के दौरान माँ से बच्चे तक भी संचारित हो सकता है। एडीस मच्छर दिन में सबसे अधिक सक्रिय रहते हैं, इसलिए अगर आप ज़ीका वायरस से प्रभावित क्षेत्र में हैं, तो मच्छरों के काटने से बचने के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है।

 

गर्भावस्था और ज़ीका वायरस

 

2015 में जब ज़ीका वायरस ने एंट्री की तब इस पर पुरे विश्व का ध्यान गया क्योकि मिक्रोसेफली के साथ पैदा होने वाले बच्चो की संख्या में वृद्धि हुई मिक्रोसेफली एक बहुत ही गंभीर जन्म दोष है जिससे बच्चे असामान्य रूप से छोटे  सर और अविकसित दिमाग के साथ पैदा होते है | इससे ये साबित हुआ की प्रेग्नेंट औरत को जयादा जोखिम था. ज़ीका वायरस का मछर ज्यादातर दिन के समय में काटता है | ज़ीका वायरस का मछर घर के अंदर और बहार दोनों जगह रह सकता है |  गर्भवती महिलाओं को झीका वायरस के प्रकोप वाले क्षेत्रों से बचने और मच्छरों के काटने से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।


ज़ीका वायरस के लक्षण और संकेत

 

ज़ीका  वायरस से संक्रमित अधिकांश लोगों में लक्षण दिखाई नहीं देते। जब लक्षण प्रकट होते हैं, तो वे आमतौर पर हल्के होते हैं और इनमें बुखार, चकत्ते, जोड़ों में दर्द और लाल आंखें शामिल हो सकते हैं। ये लक्षण कई दिनों से एक सप्ताह तक रह सकते हैं। हालाँकि, झीका वायरस की वास्तविक चिंता इसके गंभीर जन्म दोष और तंत्रिका संबंधी जटिलताओं का कारण बनने की क्षमता में निहित है।

 

ज़ीका वायरस से बचने के उपाय 


ज़ीका  वायरस को रोकने में मच्छरों के काटने के संपर्क को कम करना शामिल है। यहाँ कुछ प्रभावी रणनीतियाँ दी गई हैं:

  • कीट विकर्षक का उपयोग करें: खुली त्वचा पर डीईईटी, पिकारिडिन, या नींबू नीलगिरी के तेल युक्त कीट विकर्षक लगाएँ।
     
  • सुरक्षात्मक कपड़े पहनें: जितना संभव हो सके त्वचा को ढकने के लिए लंबे बाजू की शर्ट और लंबे पैंट पहनें।
    अंदर रहें: ऐसी जगहों पर रहें जहां वातानुकूलन और खिड़की और दरवाजे पर स्क्रीन लगी हो ताकि मच्छर बाहर रहें।
     
  • खड़े पानी को हटाएँ: अपने घर के आसपास खड़े पानी को हटा दें जहां मच्छर प्रजनन कर सकते हैं, जैसे कि फूलों के गमले, पक्षी स्नान, और गटर।

 

ज़ीका वायरस का टेस्ट कैसे करवाए

 

ब्लड या यूरिन का RTPCR टेस्ट करवाए , यदि इस टेस्ट को बीमार होने के एक सप्ताह के अंदर अंदर करवाया जाये तो यह बहुत लाभकारी होता है और यदि आप इसे बाद में करवाते है तो इसके अच्छे परिणाम नहीं आते | तो सबसे अच्छा  यही होगा के आप बीमार होने के तुरंत बाद करवा ले यदि आप इसके लक्षण महसूस करते है तो|

 

ज़ीका वायरस का इलाज

 

ज़ीका वायरस का कोई प्रॉपर इलाज नहीं है ! यदि आप संक्रमित है तो सबसे अच्छा तरीका यही है के आप आराम करे और अपनी बॉडी को हाइड्रेटेड रखे और दर्द और बुखार को कम करने के लिए आप एसिटामिनोफेन जैसी ओवर-द-काउंटर दवाएँ लें। डेंगू को दूर करने के लिए एस्पिरिन और गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी) से बचें ताकि रक्तस्राव के जोखिम को कम किया जा सके।

 

ज़ीका वायरस का वैश्विक प्रभाव

 

ज़ीका  वायरस ने दुनिया भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। 2015 में ब्राजील में प्रमुख प्रकोप के बाद से, वायरस दक्षिण और मध्य अमेरिका, कैरिबियन और उससे आगे के कई देशों में फैल गया है। ज़ीका  वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के प्रयासों में मच्छरों पर नियंत्रण के उपाय, सार्वजनिक शिक्षा अभियान और टीकों और उपचारों पर शोध शामिल हैं।

 

निष्कर्ष


ज़ीका  वायरस हमेशा सुर्खियों में नहीं रहता है, लेकिन इसका प्रभाव अभी भी दुनिया भर में महसूस किया जाता है। झीका वायरस कैसे फैलता है, इसके लक्षणों को पहचानना, और संक्रमण को रोकने के लिए कदम उठाने के तरीके को समझकर, आप अपने और अपने प्रियजनों की रक्षा कर सकते हैं। सूचित रहें, सुरक्षित रहें और स्वस्थ रहें!

याद रखें, ज़ीका वायरस सिर्फ दुनिया के अन्य हिस्सों की समस्या नहीं है; यह किसी को भी, कहीं भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए, आवश्यक सावधानी बरतें और जोखिमों के बारे में जागरूक रहें। ज़ीका वायरस एक गंभीर खतरा है, लेकिन सही ज्ञान और कार्यों के साथ, हम सभी इसके प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
 

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