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25 की उम्र पार करते ही महिलाओं को ये 7 टेस्ट करवाना क्यों है जरूरी

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WOMEN' SPECIAL TEST :  अक्सर हमने देखा है की महिलाये अपनी सेहत को बहुत नजरअंदाज करती है. 25 की उम्र ऐसी होती है जहा उनके करियर और पर्सनल लाइफ दोनों में बदलाव शुरू होने लगते है , काफी तो इस उम्र में अपनी शादी की प्लानिंग कर रही  बेबी की प्लानिंग. और करि अपने करियर को बढ़ाने की सोच रही होती है।  जिससे उनकी लाइफ में तनाव काफी बढ़ जाता है और इस समय में वे अपनी सेहत पर ध्यान न रखने के कारण बहुत सी बीमारियों की चपेट में आ जाती है।  और इससे शरीर में कई हार्मोनल बदलाव भी होने लगते है।   वो बहार से देखने में तक लगती है , पर अंदर से उनकी बॉडी में काफी बीमारिया लग चुकी होती है  जैसे हॉर्मोन का ऊपर निचे हो जाना , और शुगर लेवल तक नहीं रहना, ब्लड प्रेशर का घटना या बढ़ना।   25 की उम्र के बाद . थायरॉयड , डाईबेटिस जैसी बीमारिया उन्हें घेर लेती है. आज हम आपको इस लेख में कुछ जरूरी ब्लड टेस्ट बतायेगे जो आपको हर छह महीनो में करवाने चाहिए. आइए, जानते हैं ऐसे 7 महत्वपूर्ण टेस्ट के बारे में जो हर महिला को जरूर करवाने चाहिए। 

1. ब्लड शुगर टेस्ट:

ब्लड शुगर का लेवल अगर सामान्य से ज्यादा हो जाए, तो यह डायबिटीज का संकेत हो सकता है। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जो समय के साथ दिल, किडनी और आंखों पर बुरा असर डाल सकती है। इसलिए, 25 की उम्र के बाद ब्लड शुगर टेस्ट करवाना बेहद जरूरी है। यह टेस्ट आपको समय पर चेतावनी दे सकता है, जिससे आप अपनी जीवनशैली में बदलाव कर डायबिटीज से बच सकती हैं।

2. थायरॉयड टेस्ट:

थायरॉयड हार्मोन का असंतुलन महिलाओं में वजन बढ़ने, थकान और अवसाद जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। थायरॉयड की समस्या को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। इसलिए, थायरॉयड टेस्ट करवाना जरूरी है, ताकि आपके शरीर में हार्मोन का स्तर संतुलित रहे और आप स्वस्थ रहें।

3. कोलेस्ट्रॉल टेस्ट:

कोलेस्ट्रॉल का स्तर अगर बढ़ जाए, तो यह दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है। 25 की उम्र के बाद महिलाओं को कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट करवाना चाहिए। इससे आप यह जान सकती हैं कि आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कितना है और इसे नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।

4. पीसीओडी/पीसीओएस टेस्ट:

पीसीओडी और पीसीओएस आजकल महिलाओं में आम समस्याएं बनती जा रही हैं। ये समस्याएं हार्मोनल असंतुलन के कारण होती हैं और अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ने और गर्भधारण में मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। पीसीओडी/पीसीओएस का टेस्ट करवाना इस स्थिति का समय रहते पता लगाने और इसे नियंत्रित करने में मदद करता है।

5. विटामिन डी टेस्ट:

विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। विटामिन डी का टेस्ट करवाने से आप इस कमी का समय रहते पता लगा सकती हैं और इसके लिए उचित सप्लीमेंट्स ले सकती हैं, ताकि आपकी हड्डियां मजबूत बनी रहें।

6. पैप स्मीयर टेस्ट:

सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में एक गंभीर बीमारी है, लेकिन पैप स्मीयर टेस्ट से इसका शुरुआती चरण में ही पता लगाया जा सकता है। 25 की उम्र के बाद हर महिला को नियमित रूप से यह टेस्ट करवाना चाहिए, ताकि समय रहते इस बीमारी का पता चल सके और इसका इलाज हो सके।

7. ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग:

ब्रेस्ट कैंसर का समय पर पता लगाना बहुत जरूरी है। 25 की उम्र के बाद महिलाओं को नियमित रूप से ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग करवानी चाहिए। इससे आप इस गंभीर बीमारी का समय रहते पता लगा सकती हैं और इलाज करवा सकती हैं।

 

निष्कर्ष:

25 की उम्र के बाद महिलाओं के लिए अपनी सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। ये 7 टेस्ट आपकी सेहत की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। अगर आप भी 25 की उम्र पार कर चुकी हैं, तो ये टेस्ट जरूर करवाएं, ताकि आप स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकें।

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