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What Is Eosinophils In Blood Test ? आसान भाषा में जानिए!

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What Is Eosinophils In Blood Test : जब भी आप खून की जाँच कराते हैं, तो उसमें एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है एसिनोफिल्स की जाँच। ये एक प्रकार की सफेद रक्त कोशिका (White Blood Cell) होती है, जो आपकी रोग प्रतिरोधक प्रणाली (Immune System) का अहम हिस्सा है। आज हम इस ब्लॉग में आसान भाषा में समझेंगे कि एसिनोफिल्स क्या होते हैं और इनकी जाँच क्यों की जाती है।

 

What Is Eosinophils (एसिनोफिल्स क्या हैं?)

एसिनोफिल्स सफेद रक्त कोशिकाओं का एक प्रकार हैं, जो शरीर को संक्रमण (Infection) से लड़ने में मदद करते हैं, खासतौर पर परजीवी संक्रमण (Parasitic Infection) में। ये एलर्जी (Allergy) और सूजन (Inflammation) जैसी स्थितियों में भी भूमिका निभाते हैं। एसिनोफिल्स में ऐसे प्रोटीन होते हैं जो हानिकारक तत्वों को नष्ट करने का काम करते हैं।

 

एसिनोफिल्स की जाँच क्यों की जाती है?

डॉक्टर आमतौर पर एसिनोफिल्स की जाँच तब करते हैं जब उन्हें निम्नलिखित समस्याओं का संदेह होता है:

एलर्जी संबंधी रोग – जैसे अस्थमा (Asthma), हे फीवर (Hay Fever), या एक्जिमा (Eczema)।
परजीवी संक्रमण – जैसे कीड़े या अन्य परजीवी।
ऑटोइम्यून बीमारियाँ – जैसे लुपस (Lupus) या रुमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)।
कुछ प्रकार के कैंसर – जैसे रक्त कैंसर (Leukemia)।
दवाइयों का असर – कुछ दवाइयाँ एसिनोफिल्स के स्तर को बढ़ा सकती हैं।

 

एसिनोफिल्स का सामान्य स्तर

एक स्वस्थ व्यक्ति में एसिनोफिल्स का स्तर निम्न प्रकार का होता है:

सामान्य रेंज: कुल सफेद रक्त कोशिकाओं का 0 से 6%।
एब्सोल्यूट एसिनोफिल काउंट: 30 से 350 कोशिकाएँ प्रति माइक्रोलीटर खून।

 

एसिनोफिल्स का बढ़ा हुआ स्तर (Eosinophilia)

अगर एसिनोफिल्स का स्तर सामान्य से अधिक हो जाए, तो इसे एसिनोफिलिया कहते हैं। यह निम्नलिखित समस्याओं का संकेत हो सकता है:

एलर्जी संबंधी रोग: जैसे अस्थमा, एलर्जिक राइनाइटिस, या खाद्य एलर्जी।
परजीवी संक्रमण: जैसे हुकवर्म, राउंडवर्म।
त्वचा संबंधी रोग: जैसे एक्जिमा, सोरायसिस।
ऑटोइम्यून बीमारियाँ: जैसे लुपस, रुमेटाइड आर्थराइटिस।
कुछ प्रकार के कैंसर: जैसे लिम्फोमा, ल्यूकेमिया।

 

एसिनोफिल्स का कम स्तर (Eosinopenia)

एसिनोफिल्स का स्तर सामान्य से कम होना, जिसे एसिनोपेनिया कहते हैं, कम ही देखा जाता है, लेकिन यह निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:

  • गंभीर संक्रमण
     
  • तनाव या आघात
     
  • कॉर्टिकोस्टेरॉयड दवाइयों का उपयोग

 

एसिनोफिल्स की जाँच कैसे की जाती है?

एसिनोफिल्स की जाँच के लिए एक साधारण खून की जाँच, जिसे कम्प्लीट ब्लड काउंट (CBC) कहते हैं, की जाती है। यह जाँच एक छोटी सी खून की सैंपल से की जाती है और लैब में विश्लेषण किया जाता है। अगर डॉक्टर को विशेष रूप से एलर्जी या संक्रमण का शक हो, तो वे एब्सोल्यूट एसिनोफिल काउंट (AEC) की जाँच कराने की सलाह दे सकते हैं।

 

अगर आपके एसिनोफिल्स असामान्य हैं तो क्या करें?

अगर आपके एसिनोफिल्स का स्तर सामान्य से ज्यादा या कम है, तो घबराएँ नहीं। इन सुझावों का पालन करें:

डॉक्टर से परामर्श करें— वे अन्य परीक्षण करके समस्या का मूल कारण जान सकते हैं।
एलर्जी से बचें— अगर एलर्जी इसका कारण है, तो ट्रिगर्स से बचें।
दवाइयाँ लें— डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयाँ, जैसे एंटी-एलर्जिक या एंटी-पैरासिटिक मेडिसिन।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ— सही खानपान और तनाव प्रबंधन से रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार हो सकता है।

 

एसिनोफिल्स की जाँच कब करानी चाहिए?

अगर आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें, तो एसिनोफिल्स की जाँच कराने की आवश्यकता हो सकती है:

  • बार-बार एलर्जी की समस्या
     
  • बिना वजह के चकत्ते या सूजन
     
  • परजीवी संक्रमण से संबंधित पाचन समस्याएँ
     
  • लगातार अस्थमा या साँस की तकलीफ

 

निष्कर्ष

एसिनोफिल्स आपकी रोग प्रतिरोधक प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और इनके स्तर से आपकी सेहत के बारे में कई अहम जानकारियाँ मिल सकती हैं। नियमित खून की जाँच और डॉक्टर की सलाह से आप एसिनोफिल्स से जुड़ी समस्याओं का समय रहते पता लगा सकते हैं।

अगर आपको लगता है कि आपकी सेहत में कोई गड़बड़ी है, तो देरी न करें। समय पर जाँच और सही इलाज से समस्या का समाधान आसान हो जाता है। Marvel Path Lab में हम आपको तेज़ और सटीक खून की जाँच सेवाएँ प्रदान करते हैं, जिनमें एसिनोफिल्स की जाँच भी शामिल है। अपनी जाँच अभी बुक करें!

 

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